Saturday, October 31, 2020

पुलवामा अटैक की सच्चाई आई सामने । पाकिस्तान ने ली ज़िम्मेदारी



पिछले दिनों पाकिस्तान के इमरान खान के मंत्री फवाद चौधरी के पुलवामा अटैक के कबूलनामे से एक बात तो साबित हो गई की भारत मे पाकिस्तान का पक्ष लेने वालों  की कमी नहीं है। क्योंकि आपको शायद याद हो की इस दर्दनाक घटना मे जब पूरा देश अपने जवानों के शहीद होने पर दुखी थे। पर ऐसे मे कुछ राजनेतिक पार्टियां अपनी रोटियाँ  सेकने मे लगी हुई थी । हालांकिउसके बाद भारत ने पाकिस्तान को इसका मुँह तोंड़ जवाब भी दिया । पर फवाद चौधरी के इस कबूलनामे से शायद सभी को भी यकीन हो गया हो। इस पर प्रधानमंत्री मोदी का दर्द छलक कर सामने आया। और उन्होंने उस वक्त की गंदी और गलत राजनीति वालों चेतावनी दी। फवाद चौधरी ने पुलवामा अटैक को इमरान खान सरकार की एक उपलब्धि बताया । इतना कुछ सुनने के बात भी कुछ लोग पाकिस्तान जैसे कंगले देश मे जाकर मोदी को हटाने की बात करते है । जो देश बर्बादी के थोड़ा ही करीब है जिस देश को लोगों ने भीग भी देना बंद कर दिया है उस देश का सपोर्ट चाहिए कुछ लोगों को । कौन हैं ये लोग ?


अच्छा पाकिस्तान और ये लोग कुछ ना  कुछ भारत के खिलाफ सोचते रहते है इसके पहले अगस्त मे ही एक और झूठी अफवा फैलाने वाला बयान दिया था जिसमे पाकिस्तान का कहना था की भारत ने पाकिस्तान से बात चित करने की इच्छा जताई हैं, ये बात वहा के नैशनल सिक्युरिटी ऐड्वाइज़र मोइद यूसुफ ने बताई। वैसे तो बेचारे आतंकवादी भेज भेज कुछ थक गए तो ऐसे ही झुट फेलाओ शायद इससे FATF के नजर मे थोड़े अच्छे बन जाए तो शायद  कुछ और दान मिल जाए। अच्छा और तो और ये भी कह दिया की पाकिस्तान ने पांच शर्ते भी रख दी हैं ।  पर उसका जवाब भी हमारे भारत के विदेश मंत्री ने आकार दे दिया कि, ये पाकिस्तान ज़बरदस्ती सभी को गुमराह करने के लिए भारत के खिलाफ झूटे बयान देता है। पर पाकिस्तान सपने मे ही सही शायद भारत से कोई तो जंग जीत ले।  


Friday, August 14, 2020

भारत ने निकाली पाकिस्तान की नक़्शे की नक़्शेबाज़ी। सऊदी अरब ने भी बेहाल किया पकिस्तान को ।

 इतनी बार मार खाने के बाद इतने बार पीटने के बाद इतनी बाद इंडिया से हारने के बाद भी ना जाने पाकिस्तानी अपनी असलियत पर यकीन क्यों नहीं करता। इस बार फिर से पाकिस्तान ने पूरी तरह से कपडे उतार इज़्ज़त उतरवायी  हैं। और अपना नया नक्शा ज़ारी करके भारत के कुछ क्षेत्रों को अपना बता डाला हैं।  क्या करे क़र्ज़ के बोझ तले दबे पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर इमरान खान के पास अब अपनी जनता के पास बहाना बनाने को कुछ तो है नहीं तो ऐसे खुश करते रहते है।  अच्छा इस नक़्शे के जारी करते ही इमरान खान अपने घर में ही घिर गए और उनके विपक्षी दलों ने इसे एक राजनितिक दुष्प्रचार बताया और तो और पाकिस्तान की जनता को जब ये समझ आया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर इमरान खान की पोल खोलना शुरू कर दिया। ऐसे ही एक पाकिस्तानी टिकटोक यूजर ने भी इमरान को नसीहत दे दी और कहा की नक्शा नहीं अपना सस्ता नशा बदलो सिर्फ नक्शा बदलने से भारत के हिस्से पर कब्ज़ा नहीं कर पाओगे।  उस टिक टोक यूजर को पाकिस्तानी पुलिस ने पिटाई करके जेल में डाल दिया। अभिव्यक्ति की आज़ादी का राग अलापने वाले इमरान ज़रा सी सच्चाई नहीं सुन पाए। 

 अच्छा एक तरफ सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान से  बोला हैं जो हमने पैसे उधार दिए थे वो वापस दो। क्या है ये गणित हम आपको समझते हैं।  पाकिस्तान जो की पूरी तरह से भिखारीपन से ग्रसित हैं और था, सऊदी अरब ने पाकिस्तान की मदद करने और उसके विदेशी मुद्रा भंडार को दुरुस्त करने के लिए नवंबर 2018 में 6.2 बिलियन डॉलर की रकम दी थी. इसमें से 3.2 बिलियन डॉलर का इस्तेमाल पेट्रोलियम पदार्थ लेने पर खर्च किया जाना था। ये डील मई 2020 में समाप्त हो गई। लेकिन सऊदी अरब ने डील को रिन्यू करने की जगह तेल की सप्लाई ही रोक दी और एक बिलियन डॉलर कर्ज की वसूली भी पाकिस्तान से करा ली वो भी उन्होंने सीनियर चोर देश चीन से लेकर दिए।  अच्छा इसके पीछे भी कारण वही चोरी ऊपर से सीना जोरी वाला हैं। पाकिस्तान ने तुर्की, ईरान(Iran), कतर और मलेशिया के साथ मिलकर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन(OIC) की जगह नया इस्लामिक गठजोड़ तैयार करने की कोशिश की और सऊदी अरब के  पीठ पर फिर छुरा घोपने की कोशिश की जिसकी वजह से सऊदी अरब बहुत नाराज हुआ।  

खबर आ रही है कि सऊदी अरब अपने यहां काम कर रहे पाकिस्तानियों को निकाल भी सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान बुरी तरह बर्बाद हो जाएगा। पर बात तो वही ना भाई चोर चोरी से जाये पर सीना जोरी से न जाये। पाकिस्तान इसके पहले भी कश्मीर के मसले पर तुर्की(Turkey), मलेशिया और ईरान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच चुका है। इमरान खान जो कल तक देश के कर्ज को निकालने की बात कर रहे थे उल्टा अब वो अपने देश पर बहोत कर्ज़ा बढ़ा चुके हैं। अच्छा भारत ने भी पकिस्तान के गलत नक़्शे के बारे कहा की नक़्शे पर थोड़ा नक्शेबाज़ी कर लेने दो अपना बेटा तो हैं सोचने में क्या जाता हैं।  सच तो आखिर सच ही रहेगा।  

Saturday, August 8, 2020

आख़िरकार राम मंदिर भूमि पूजन हुआ पूरा । कैसे हुआ राम मंदिर भूमि पूजन


पुरे विश्व के 500 वर्षो तक इंतज़ार करने के बाद अंततः वो दिन आया जिसके लिए पूरा देश पूरा विश्व बहोत बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। राम मंदिर भूमि पूजन का दिन एक ऐतिहासिक दिन रहा हैं।  भगवान राम अपने जन्म भूमि पहोच ही गए। पुरे विश्व के साथ साथ सभी साधु संतो को भगवान राम के बहोत लम्बे समय से मंदिर स्थापित होने का इंतज़ार हैं।  पर जैसे ही कोर्ट का फैसला आया तो इन सभी का राम मंदिर के भूमि पूजन का इंतज़ार ओर बेसब्री से शुरू हो गया है।  जी हाँ, भगवान राम के आयोध्या में मंदिर में भूमि पूजन  ज़ोरो शोरो से हुआ हैं।  अयोध्या में भी भक्तो और संतो द्वारा अनुष्ठान किया गया, घर घर दिए बनाये गए ।  भूमि पूजन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत  से संतो के साथ उपस्थित हए ।  पुरे मंदिर की भव्य तैयारियां की गयी, पुरे मंदिर को पीले  रंग से  सजाया गया था ।  पूरी अयोध्या श्री राममय और राम नाम से सराबोर थी। भूमि पूजन के लिए लोगो ने और भक्तो ने अलग अलग तरह के संकल्प लिए थे किसी ने अन्न त्याग किया, तो किसी मौन वत्र लिया था ताकि राम मंदिर भूमि पूजन होकर मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो सके। पूरा माहौल दिवाली की तरह जगमगा गया । देश के अन्य बड़े लोगो के साथ साथ मुस्लिम पक्षकारो को भी न्योता भेजा गया था । 



विवादित ढांचे के गिराने से लेकर सालो से मंदिर और मस्जिद के झगड़े के चलते लोगो का और भक्तो का सब्र का बांध टूटता नज़र आ रहा था, पर कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद सभी ने उसका सम्मान किया और दोनों धर्मो के लोगो को सही न्याय प्रक्रिया से सही परिणाम मिला हालांकि इसमें बहोत वक़्त लगा। मगर लोगो में राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर इतना उत्साह  है तो जब मंदिर बनकर तैयार होगा तो कितना होगा। 3 अगस्त गणेश पूजा और 4 अगस्त को राम अर्चना कार्यक्रम के बाद 5 अगस्त में देश के प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के साथ इसका भूमि पूजन किया ।



पूरे कार्यक्रम में काशी, अयोध्या, दिल्ली, प्रयाग के विद्वानों को बुलाया गया । अलग-अलग पूजा के अलग-अलग एक्सपर्ट रखे गए । पूरी टीम 21 ब्राह्मणों की थी  जो अलग अलग तरीकों से पूजा करा रही थी । यह एक वक्त में नहीं हुई बल्कि अलग अलग समय में अलग-अलग ब्राह्मण ने पूजा कराई । भूमि पूजन में  9 अलग ब्राह्मण लोगो ने पूजन करवाया। इस दौरान सभी 21 ब्राह्मण साक्षी थे और उनकी देखरेख में पूरा पूजन हुआ । भूमि पूजन में संकल्प लिया जाता है। पूजा किस उद्देश्य से की जा रही है, यह संकल्प में बताया जाता है। पीएम मोदी ने पूजा  करी और वो सारे संकल्प भी लिए । राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम करीब 40 मिनट से 1 घंटे का हुआ था। भूमि पूजन के एक दिन पहले 4 अगस्त को भूमि पूजन प्रांगण में पूजन के 108 दिन पूरे हुए थे, और 5 अगस्त को 109 वां दिन था । इस दौरान प्रतिदिन वहां वेदपाठ हो रहा था। अब भूमि पूजन का कार्यक्रम सफलता पूर्वक सपन्न हुआ। आगे मंदिर बनाने में 3 से 4 सालो का वक़्त लग सकता हैं। उम्मीद करते है भगवान् श्री राम के नाम पर राजनीति करने वाले न करे तो अच्छा हैं। अच्छा ये वक़्त हैं भगवान राम के नाम मैं रमने का श्री राम को याद करने का तो आप भी कीजिये और भगवान श्री राम के आशीर्वाद से इस साल जो हमारी ज़िन्दगी का सबसे बुरा साल साबित हो रहा हैं उसमे एक सकारात्मक बदलाव लाने का। 

Sunday, August 2, 2020

बॉलीवुड का OTT पर Women's empowerment


 
देश में लॉकडाउन के बढ़ते रहने से और सिनेमा घरो के बंद होने के चलते सारे बॉलीवुड की नज़र सभी ओटीटी प्लेटफार्म पर है।  इसी कड़ी में इन दिनों वोमेन एम्पावरमेंट का खास असर दिख रहा हैं, और डिजिटल प्लेटफार्म पर मानो महिला प्रधान फिल्मो की होड़ सी मच गयी है।  इसी में सबसे आगे है विद्या बालन की मोस्ट स्पेशल फिल्म 'शंकुतला देवी- ह्यूमन कंप्यूटर जो की काफी चर्चा में है, और 31 जुलाई को ये फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई हैं। जो की एक बायोपिक है। जो मशहूर मेथेमेटिशन शंकुतला देवी पर हैं जो हमारे देश की एक जादुई मेथेमेटिशन हैं  उन्हें ह्यूमन कैलकुलेटर भी कहा जाता हैं और इनका नाम गिनिस बुक में भी दर्ज हैं। वही दूसरी तरफ एक और फिल्म हे  ' गुंजन सक्सेना -द कारगिल गर्ल '  ये भी एक बायोपिक हैं। जो की बहादुर हेलीकॉप्टर पायलट गुंजन सक्सेना पर आर्धारित हैं।  जिन्होंने 1999 कारगिल वार में एक अहम् भूमिका निभाई थी, जिसके लिए उन्हें सौर्य चक्र भी दिया गया था, और वो देश की पहली महिला सौर्य चक्र अवार्डी है।  गुंजन की भूमिका में फिल्म में जानवी कपूर नज़र आएगी और फिल्म 12 अगस्त को रिलीज़ होगी जिसकी जानकारी जानवी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिये दी। ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी जिसका लोगो को बेसब्री से इंतज़ार हैं।



 इसी कड़ी में एक फिल्म और हैं जो वोमेन एम्पावरमेंट को  सपोर्ट करती हैं। जो हमारे देश की महशूर बैडमिंटन चैंपियन साइना नेहवाल पर बेस्ड है। ये फिल्म एक बायोग्राफिकल फिल्म हैं। जिसे अमोल गुप्ते डायरेक्ट करेंगे और टी- सीरीज के बैनर तले भूषण कुमार इसे प्रोड्यूस करेंगे।  साइना नेहवाल के रोले के लिए परिनीति  चोपड़ा को फाइनल कर लिए गया हैं।  पर किस ओटीटी प्लेटफार्म पर ये रिलीज़ होगी या ये फिल्म बड़े परदे पर रुख करेगी वो अभी कन्फर्म नहीं है। इसी कड़ी मैं एक बायोपिक और  है बहोत दिनों चर्चा में हैं।  ये फिल्म भारतीय अर्जुन अवार्ड विनर पी टी उषा के ऊपर आर्धारित हैं।  पी टी उषा भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलिट हैं। इस बायोपिक के लिए कैटरिना कैफ को फाइनल किया गया हैं।  कैटरिना कैफ पिछले कई सालो से अपने कैरियर के पिक पर हैं। लगातार सलमान खान स्टारर भारत के सुपर हिट होने के बाद फिर अब  अक्षय कुमार  के साथ रोहित शेट्ठी द्वारा डायरेक्ट की गयी मोस्ट अवेटेड फिल्म वीर सूर्यवंशी में दिखाई देगी, पर वो फिल्म लॉकडाउन के चलते पोस्फोने करनी पड़ी जो की अब लॉकडाउन खुलने और सिनेमा घरो के खुलने का इंतज़ार कर रही हैं। अब आगे इस बायोपिक पी टी उषा फिल्म का क्या होता हैं और ये किस  डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज़ होती हैं या ये भी सिनेमाघरो के बड़े परदे का इंतज़ार करती हैं ?  वो आगे आने वाली स्तिथि पर निर्भर करता है। इसी तरह की और भी फिल्मे हैं  जैसे इंडियन वोमेन क्रिकेटर मिताली राज, एक और बैडमिंटन प्लेयर पी वी सिंधु जिनको अभी फाइनल करना बाकी हैं और जो वोमेन एम्पॉवर को बढ़ावा देती हैं । इससे पहले बॉलीवुड में वोमेन एम्पॉवर की फिल्मे आती रही हैं और दर्शको का काफी मनोरंजन करती रही हैं। 





Saturday, July 25, 2020

मरने के बाद हस के नहीं जी सकते। - Sushant Singh Rajput Film Review " दिल बेचारा"



आम तौर पर किसी फिल्म के रिव्यु में फिल्म की स्टोरी की बात होती हैं डायरेक्शन की बात होती हैं उसका म्यूजिक कैसा हैं उसकी बात होती हैं।  पर दिल बेचारा को देखने के बाद आपको ऐसी किसी भी चीज़ के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। क्योकि इस फिल्म में सुशांत का होना ही काफी हैं।  फिल्म को देख कर नहीं लगता की  ज़िन्दगी इस हद तक प्यार करने वाला इंसान सुशांत सिंह राजपूत हमारे बिच नहीं हैं।  फिल्म को देखते समय आपके दिमाग में सुशांत के अलावा कुछ नहीं चलेगा, शायद वो अब हमारे बिच नहीं हैं इसलिए भी।  सुशांत के सारे सीन आपके आखे नम  करने को काफी हैं। जब आप इस फिल्म को देखेंगे तो फिल्म की तरह नहीं बल्कि अपने आप से जुड़ा पायेंगे।  फिल्म कहानी शुरू होती हैं जमशेद पुर से जहा, किज़ी मतलब संजना सांघी रहती हैं। किज़ी को थाइरॉइड कैंसर हैं जो हमेशा अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर रहती है। किज़ी को अपने ऊपर तरस खाने के अलावा कोई चारा नहीं होता हैं और वो अपना मौत का इंतज़ार करती होती है। एक कैंसर सपोर्ट सेंटर में किज़ी की मुलाकात मैनी से होती हैं, मैनी मतलब आपके सुशांत सिंह राजपूत से , जो पहले से कैंसर पेशेन्ट थे और उसी वजह से उनकी एक टांग भी काट दी गयी हैं।  पर वो अब रिकवर हो चुके और बहोत ही ज़िंदादिल और बहोत खुश हैं।  



मैनी और किज़ी के बिच धीरे धीरे प्यार शुरू हो जाता हैं।  किज़ी को एक गाना बहोत पसंद होता हैं  जो ज़िन्दगी से बहोत प्यार करना सिखाता हैं  और जो की अधूरा होता हैं और किज़ी को कैसे न कैसे करके तो पता करना होता की ये गीत अधूरा क्यों हैं ?  पर मैनी मतलब सुशांत के पता किये जाने पर मालूम होता हैं उसका सिंगर पेरिश में रहता हैं। दोनों पेरिश जाते हैं और वो उस सिंगर से मुलाक़ात भी करते हैं। लेकिन वहा पर मैनी की तबियत ख़राब हो जाती हैं और मैनी का कैंसर लौट आता हैं और उसके पास वक़्त बहोत कम होता हैं।  एक पल ये सुनकर मैनी इससे बहोत निराश भी होता हैं पर धीरे धीरे ज़िन्दगी जीने की उम्मीद फिर से आती हैं।  यहाँ पर मेरी गारंटी हैं की आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे की दिल फाड़ देने वाले ये सीन कई मायनो सुशांत से कनेक्ट होते हैं। आम तौर में फिल्म के रिव्यु में हम फिल्म के सीन्स  की बात नहीं करते हैं पर ये फिल्म के बहोत से सीन सुशांत के जिंदादिली को दर्शाते हैं। 



मुकेश छाबड़ा  द्वारा डायरेक्ट की गयी इस फिल्म को डिज्नी हॉटस्टार पर हर कोई देखेगा। एक सीन और हैं जहा पर सुशांत अपने एक दोस्त और किज़ी को एक चर्च में बुलाता हैं और चर्च के मंच पर चढ़ कर वो उसके मरने के बाद वो उसके बारे में क्या सोचेंगे वो आकर बोले। इस सीन में किज़ी मैनी के लिए तारीफ करती हैं तो खुद को रोने से नहीं रोक पाती हैं और शायद आप भी न रोक पाए। अपनी मौत से पहले दोस्तों को अपने बारे में बोलते हुए सुशांत का फेस शायद आपसे देखा नहीं जायेगा ये सीन आपको पूरी तरह बेहाल कर देगा।  खैर आगे क्या होता हैं जानने के लिए आप जाकर मूवी ज़रूर देखे।  सुशांत ने शायद असल ज़िन्दगी में भी अपने चाहने वालो को पहचाना होता और जान लेते की लोगो को उनसे कितनी उम्मीद थी और वो उनसे कितना प्यार करते थे।  उनके जाने के इतने दिनों बाद भी उनके फैंस उनको भुला ही नहीं पा रहे हैं शायद वो सुशांत को भूलना ही नहीं चाहते हैं। आप क्या सोचते कमेंट बॉक्स में लिखे और इस फिल्म को जाकर ज़रूर देखे। 

Sunday, July 12, 2020

अमिताभ, अभिषेक के साथ ऐश्वर्या और बेटी आराध्या कोरोना पॉजिटिव पाए गए। बॉलीवुड के साथ देश की बड़ी हस्तियों ने की उनके लिए प्रार्थना


 


जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस का संकट से गहराता जा रहा हैं वही भारत की इकोनॉमी पर भी इसका खास असर देखने को मिल रहा है। पुरे विश्व के साथ भारत के डॉक्टर्स ने भी कोरोना की वैक्सीन की खोज करने मैं अपनी पूरी ताक़त झोक दी है। बॉलीवुड इंडस्ट्री जो भारत मैं बहोत बड़े स्तर पर लोगो का रोज़गार का ज़रिया भी हैं वो भी इससे अछूता नहीं है। पिछले दिनों कई बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री से संबंधित लोगो कोरोना पॉजिटिव पाए गए।  इसी कड़ी मै बॉलीवुड के सबसे बड़े महानायक सुपरस्टार अमिताभ बच्चन और उनके बेटे अभिषेक बच्चन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जैसे उन्हें इस बात का पता चला की वो कोरोना संक्रमित है उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी समझ कर सोशल मीडिया पर जानकरी दी और उनके घर के सभी सदस्यों के साथ साथ पिछले 10 दिनों मैं जो भी लोग उनके संपर्क मैं आये हैं अमिताभ बच्चन ने उनसे जाकर कोरोना का टेस्ट कराने का आग्रह किया। अमिताभ और अभिषेक बच्चन दोनों को मुंबई के नानावटी हॉस्पिटल मैं भर्ती कराया गया हैं। और उनके जुहू स्तिथ दोनों बंगलो की सील करने के साथ सुरक्षा भी बढ़ा दी हैं।  पिछले दिनों अनुमप खेर की मां और भाई सहित कुछ और परिजन भी संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही हाल ही में रेखा का बंगला भी सील कर दिया गया था। 




बॉलीवुड के लोगो के साथ देश की नामी गिरामी हस्तियों के साथ अमिताभ बच्चन के करीबी लोग उनके परिवार और उनके सेहत के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर रहे हैं। इस कड़ी मैं हस्तियों मैं देश के मशहूर सोशल वर्कर और इंडस्ट्रियलिस्ट डॉ अनिल काशी मुरारका से हमने बात की उनके अनुसार 
"अमित जी सदी के ही नहीं विश्व के सबसे बड़े महानायक हैं जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात हैं। और बच्चे से लेकर बुजुर्ग व्यक्ति जो जीवन मैं किसी मुकाम को हासिल करना चाहता हैं उसके लिए एक प्रेरणा हैं, उनके और अभिषेक के साथ ऐश्वर्या और उनकी बेटी आराध्या के जो कोरोना पॉजिटिव आये हैं उनके लिए पूरा भारत दुआ मांग रहा हैं। और जिस इंसान को लोग इतना प्यार करते है उसे कभी कुछ नहीं हो सकता हैं। गेट वेल सून अमित जी और अभिषेक।" सामाजिक कार्यो मै बढ़ चढ़ के हिस्सा लेने वाले डॉ अनिल काशी मुरारका अपनी संस्था ऐम्पल मिशन के तहत अनगिनत सामाजिक कार्यो को अंजाम दे चुके हैं। अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन की दूसरी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। वहीं दूसरी दुःख की बात ये है कि इनके साथ दूसरे टेस्ट मैं ऐश्वर्या राय और आराध्या की रिपोर्ट मै भी टेस्ट पॉजिटिव आये  हैं इसके पहले टेस्ट जो की नेगेटिव आये  थी ।बाकि जया बच्चन के साथ अन्य सदस्य अभी तक नेगेटिव हैं। 




पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अमिताभ और अभिषेक ने शनिवार को जब यह जानकारी दी कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। इसके बाद अमिताभ के कुछ प्रशंसकों ने विले पार्ले (पश्चिम) स्थित चिकित्सकीय केंद्र के बाहर एकत्र होने की कोशिश की. पुलिस ने उनसे वहां से जाने को कहा और उन लोगों को पुलिस ने सख्त लहजे में बता दिया कि उन्हें सड़क पर खड़े होने की अनुमति नहीं है।  दूसरी तरफ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने मुंबई में एक्टर अमिताभ बच्चन के निवास स्थान 'जलसा' के बाहर एक बैनर लगा दिया है, जिससे इसे एक कंटेनमेंट जोन के रूप में परिभाषित किया जा सके. इसके बाद उनका बंगला अगले आदेश तक के लिए सील कर दिया गया है। सांताक्रूज पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक श्रीराम कोरेगांवकर ने कहा, ‘हमने अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि वहां लोग एकत्र न हों. अस्पताल में कोविड-19 के और भी मरीज भर्ती हैं और उन्हें इससे असुविधा नहीं होनी चाहिए. हमारे अधिकारी अस्पताल के बाहर तैनात हैं और किसी को वहां एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जा रही है।’ 




Saturday, July 4, 2020

चीन का हुआ नुकसान। भारत में भी हुआ असर। बॉयकॉट चाइनीज़ ऐप्स और प्रोडक्ट्स।


जी हां भारत मैं  टिक टोक बेन हो गया हैं। चीन ने धोके से 15 जून को हमारे भारत  के निहत्ते  जवानो को शहीद कर दिया था और भारत और चीन के लद्दाक बॉर्डर की स्तिथि को देख कर हर हिंदुस्तानी गुस्से मैं हैं और उसे नहीं समझ आ रहा हैं की वो अपना गुस्सा कहा निकाले। जब तक वो सोच रहे थे तब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामने आकरआत्मनिर्भर अभियान के तहत चीन से  डिजिटल वॉर का ऐलान कर दिया हैं और साथ ही साथ वो लेह और लद्दाक  भी गए। और वह पीएम नरेंद्र मोदी ने जवानो को सम्भोधित करते हुए कहा कि जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है, आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।  ये कहकर जवानो की सराहना करी। पिछले दिनों भारत मैं चीन के मोबाइल ऐप्स  पर बेन लगाने से शुरुवात की हैं और उन्होंने चीन के 59 मोबाइल ऐप्स पर बेन लगा भी  दिया है।  इनमे से टिक टोक और वी चैट वो ऐप है जिसके भारत मैं सबसे ज्यादा यूजर थे । अगर बात भारत की करें तो चीन के लिए यह एक बड़ा मार्केट हैं। यहां के लोग हेलो, लाइकी, वीगो, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर जैसे ऐप को खूब इस्तेमाल करते हैं, जिससे चीन की काफी कमाई होती है। हालांकि, इन ऐप के जरिए बहुत सारे भारतीयों को भी नौकरी मिली हुई है और बहुत सारे लोगों के लिए ये ऐप कमाई का जरिया भी बन चुके हैं। लोग अपने वीडियो बनाकर उनके जरिए पैसे कमा रहे हैं। यानी चीन के साथ-साथ भारत के बहुत से लोगों को भी इससे बड़ा नुकसान होगा। 



बॉलीवुड के बड़े बड़े सेलेब्रिटीज़ से लेकर गांव तक ये मोबाइल ऐप्स युवाओ मैं काफी प्रचलित हैं । चीनी कंपनी बाइटडांस का ये प्रोडक्ट भारत में करीब 11.9 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। इसके बैन होने से चीन को तो नुकसान होगा ही, लेकिन बहुत सारे भारतीयों के लिए भी टिकटॉक कमाई का जरिया बन चुका है।  भारत मैं  टिक टोक यूसर्स हर महीने की दर से दोगुने हो रहे थे।  और तो और बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने भी इससे लॉकडाउन लाखो करोडो रुपये कमाए । चीन को छोड़कर बाकी दुनिया में यूसी ब्राउज (UC Browser) को करीब 1.1 अरब लोगों ने डाउनलोड किया हुआ है। आपको बता दें इसमें करीब आधा हिस्सा सिर्फ भारत का है। यानी भारत में करीब 50 करोड़ यूजर्स चीन के यूसी ब्राउजर को इस्तेमाल करते हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस समय भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 50 करोड़ से कुछ अधिक है। यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि बहुत ही कम ऐसे मोबाइल हैं, जिनमें यूसी ब्राउजर नहीं है। चीन ने पुरे विश्व मैं अपना रूप धोकेबाज़ का बना लिया हैं और वो सही भी हैं क्योकि भारत मैं चीन बिज़नेस का झूट बोल कर अपने पैर पहले से ही पसारने शुरू कर  दिए थे।   क्योकि चीन हर तरह के अपने सामान की बिक्री भारत मै  करता था वो चाहे शूज हो, बच्चे के खिलोने हो या कोई भी इलेक्ट्रॉनिक सामान सब जगह ये घुसे हुए हैं । भारत की मोबाइल ऐप कम्पनिया भी काफी खुस दिख रही है क्योकि जिस दिन से चाइनीस मोबाइल ऐप्स  पर बेन लगा हैं भारतीय मोबाइल ऐप्स कम्पनियाँ के यूसर्स तेज़ी से बढ़ते देखे गए हैं। उनके पास सारे ऑप्शन उपलब्ध है और जिसके नहीं उसके बनाने मैं  लग गए हैं। तो हमारा भी फ़र्ज़ हैं की चाइनीज़ ऐप्स और प्रोडक्ट्स का बहिस्कार करे क्योकि हमारे जवान बॉर्डर गोलियां खा रहे है तो हम यहाँ जो कुछ कर सकते हैं तो करेंगे।   

Thursday, June 25, 2020

भारत और चीन के तनाव का असल कारन क्या हैं ? क्या चीन भारत से डर गया हैं ?




जैसे की आपको सभी को पता है कि इंडिया चीन बॉर्डर पर तनाव लगातार जारी हैं। आपस में कई बैठकों के बाद भी बाद भी स्तिथि जस की तस बनी  हुई हैं।  क्या हैं ये गलवान घाटी ?  जिसके लिए चीन धोखाधड़ी पर उतर आया हैं। तो हम आपको बताते हैं की असल मैं  चीन को क्या प्रॉब्लम है।  ये बात असल में जबकि की है जब 1993 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव चीन के दौरे पर गए थे और इसी दौरान उन्होंने चीनी प्रधानमंत्री ली पेंग के साथ एलएसी पर शांति रखने के लिए समझौते पर साइन किए। 1993 के समझौते में साफ कहा गया है कि यदि दोनों पक्षों के सैनिक एलएसी को पार करते हैं तो दूसरी ओर से आगाह किए जाने के बाद वह तुरंत अपने क्षेत्र में चले जाएंगे। हालांकि चीन ने गलवान और पैंगॉन्ग लेक में ठीक इसका उलट किया और अपने सैनिक तैनात कर दिए। फिर से 1996 मे इस समझौते को भारत के प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के द्वारा आगे बढ़ाया गया।  इसके अनुसार अगर किसी मतभेद की वजह से दोनों तरफ के सैनिक आमने-सामने आते हैं तो वह संयम रखेंगे। विवाद को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। हालांकि, चीन ने विवाद वाली जगहों पर पहले दिन से अपना संयम खोया। कई वीडियो में चीनी सैनिक अक्रामक रवैया दिखाते नजर आए हैं। समझौते के तहत एलएसी पर दोनों पक्ष न तो सेना का इस्तेमाल करेंगे और न ही इसकी धमकी देंगे। 




इसके बाद अब नरेंद्र मोदी 2014 में पीएम बनने के बाद 5 बार चीन दौरे पर जा चुके हैं। मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 18 बार मुलाकात हो चुकी है। इनमें वन-टू-वन मीटिंग के साथ ही दूसरे देशों में दोनों नेताओं में हुई मुलाकातें भी शामिल हैं। तो अब झड़प किस लिए असल मे चीन एक ऐसा देश है जिस पर अब पूरी दुनिया विश्वास नहीं करती खास कर कोरोना के चीन से पूरी दुनिया मैं फ़ैलाने के बाद। असल में चीन को पूरा विश्व से बायोकोट करने और और इंडिया को एक बिज़नेस हब बनाने से चीन को ज्यादा जलन है। और पिछले ६ सालो से इंडिया चीन बॉर्डर भारतीय सरकारों ने काफी सजगता दिखाई है वो चाहे सड़क बनाना हो या कोई और काम हो। इसलिए पिछले २ महीने मैं झूट और धोकेबाजी करके चीन ने भारतीय हिस्से मैं अपनी चौकिया बनाना शुरू किया। जिस पर बात करने गए भारतीयों सैनिको पर हमला करके 20 सैनिको को शहीद कर दिया। पर इंडिया की सेना वो है जिसका लोहा पूरा विश्व मनाता हैं। ये बात चीन को भी पता हैं जो सेना अपना बॉर्डर की रक्षा के लिए अपने 20 जवानो की आहुति दे सकती हैं उस सेना की सोच क्या होगी।। ऊपर से पुरे विश्व का दबाव चीन पर।और भारतीयों को अपनी बात तो मनवाना आता ही है। क्योकि इंडियन आर्मी जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं। भारत किसी भी तरह अपनी मातृभूमि को नहीं छोड़ेगा, ये इतिहास गवाह हैं।





Thursday, May 28, 2020

लोगो के दर्द को ना देख सके। संकट मोचन बनकर आये देश मे कुछ प्रमुख लोग




पुरे विश्व मैं  कोरोना वायरस का संकट चल रहा है। भारत मे भी कोरोना संकट गहराता जा रहा है, चीन से फैले इस वायरस से और देशो के अपेक्षा भारत कोरोना वायरस रोकने के अपने नीतियों की वजह से काफी बेहतर स्तिथि मे है।  भारत सहित पुरे विश्व मै कोविड 19 के संक्रमित लोगो की संख्या लगातार बढ़ती दिख रही है, और पूरा विश्व कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने मे जुड़ा हुआ हैं। भारत मे भी लॉकडाउन के चलते बेरोज़गारी का सामना करते प्रवाशी मजदूर वर्ग के लोग रोज़ाना पलायन करते नज़र आ रहे है।  इसमें मजदूर वर्ग के साथ साथ वो लोग भी खास दिक्कतों का सामना कर रहे है जिनका का काम जैसे रोज़ाना कुआं खोदना है और रोज़ पानी पीना है। इसीलिए शायद वो भी एक राज्य से दूसरे राज्य को पैदल ही पलायन करने को मजबूर है।




पर भारत एक ऐसा  देश है जहा महापुरषो और फ़रिश्तो की कोई कमी नहीं है, देश मे सबसे ज्यादा कोरोना की मार झेल रहा राज्य महाराष्ट्र है जहाँ आर्थिक राजधानी मुंबई हैं जहाँ  कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा हैं। जहाँ इन मजबूर  लोगो के लिए बॉलीवुड इंडस्ट्रीज के साथ साथ  सोशल एक्टिविस्ट फ़रिश्तो के तरह सामने आये हैं तो कई समाजसेवी संस्था ने आगे आकर हाथ बढ़ाया है।  इसी कड़ी मे बॉलीवुड के प्रसिद्ध एक्टर सोनू सूद जो इन दिनों काफी सुर्खियों मे है और जिन्हें इन मजदूरों का पैदल पलायन जैसा दर्द देखा नहीं जा रहा है। सरकार की नाकाफी व्यवस्थाओ के चलते सोनू सूद ने जैसे मानो इन प्रवाशी मजदूरों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया है, यहाँ तक सोशल मीडिया पर सोनू ने टोल फ्री नंबर्स भी दिए है जिन पर कॉल या वाट्सऐप्प करने पर अपने अपने मंज़िलो पर पहोचा दिया जाता हैं।  यहां तक की सोनू ने ट्वीट कर कहा की ' मेरे प्यारे श्रमिक भाई और बहनो अगर आप अपने अपने घर जाना चाहते हैं तो कृपया 180012133711 पर कॉल करे या 9321472118 पर अपना नाम और पता वाट्सऐप्प करे। सभी की दुवाओ के साथ साथ सोनू की पूरा बॉलीवुड तारीफ कर रहा हैं। पिछले दिनों बॉलीवुड सुपर स्टार अक्षय कुमार भी दिखे थे जिन्होंने पीएम केयर फण्ड मै कोरोना वायरस के मदद के लिए 25 करोड़ रुपये का दान किया था।






दूसरी तरफ इसी कड़ी मै प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लोकोपकारक (Philanthropist ) डॉ अनिल काशी मुरारका भी पीछे नहीं हैं। लगातार  समाज कल्याण के कार्य करते अनिल काशी मुरारका अपनी संस्था ऐम्पल मिशन के अंतर्गत आम गरीब और बेसहारा लोगो के साथ साथ स्पेशल कम्युनिटी जैसे ट्रांसजेंडर, एसिड अटैक सर्वाइवर और डीवार्फ कम्युनिटी जैसे लोगो के लिए इस कठिन घडी मे लगातार मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। दशकों से मानो  डॉ अनिल काशी मुरारका समाज कल्याण को अपना लक्ष्य बना कर चल रहे हैं, साथ ही साथ अपनी संस्था ऐम्पल मिशन  के तहत लगातार कई प्रकार के कार्यक्रम जैसे  भारतीय सेना के शहीदों के सम्मान और दिव्यांगों को विशेष दर्ज़ा देने को अवार्ड ज़िन्दगी के और भारत प्रेरणा नाम के अवार्ड शोज आयोजित करते हैं जो काफी सरहानीय है । ऐसे महामारी के दौर मे  भी वो लोगो की हर तरह की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करते  नज़र आ रहे है।  पेशे से एक इंडस्ट्रियलिस्ट डॉ अनिल काशी मुरारका का मानना है की 'इंसान बड़े नहीं होते सिर्फ इंसानियत बड़ी होती वो चाहे किसी भी रूप मई हो'। 
इसी योगदान और कार्य के चलते उन्हें कई बार सरकारी और प्राइवेट संस्थाओ द्वारा सम्मानित भी किया गया है। 

Wednesday, May 13, 2020

भुख और प्यास से परेशान पलायन करते लोग। क्या हैं लॉकडाउन 4 . 0 ?


 

 पुरे विश्व के साथ साथ भारत भी कोरोना  वायरस से पूरी तरह प्रभावित हैं। जहा एक तरफ भारत सरकार ने कोरोना के लिए भारत के सभी राज्यों को देश की 10 फीसदी जीडीपी का हिस्सा यानि 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज का ऐलान किया है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता का नया नारा देते हुए देश मै स्वदेशी चीज़ो को अपनाने का लोगो से आग्रह किया है।  ताकि कोरोना वायरस के चलते देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को काबु मे लाया जा सके।  वही दूसरी और देश मे कोरोना वायरस के चलते मजदुर और गरीब वर्ग के लोगो  का रोज़गार न होने से एक राज्य से दूसरे राज्य मैं पलायन चालू हैं। जिसे भी जैसे भी जाने के संसाधन मिल रहे वैसे वैसे वो पलायन करते जा रहे हैं। हालाँकि सरकार और कुछ NGO मदद के लिए आगे आ रहे हैं पर इतनी बड़ी संख्या मै पलायन के लिए संसाधन पूर्ण रूप समर्थ नहीं दिख रहे हैं और शायद फिजिकल डिस्टेंसिंग ना होने से  इन लोगो को कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ता जा रहा हैं  इसी कड़ी मै एक राज्य से दूसरे राज्यों मे जाने मे लोगो को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।  और अपनी बेसिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इसी कड़ी मे महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जाते हुए भी इनका कुछ ऐसा ही हाल हैं।


जहा पुरे भारत मै लॉकडाउन होने के कारन बेरोज़गारी अपने चरम पर हैं। और कई  निजी संस्थानों मैं सैलरी कट होने से लेकर रोज़गार छीनने तक का डर लोगो मैं बढ़ता जा रहा हैं, देश के प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों देश को सम्भोधित करते हुए लॉक डाउन 4 के बारे मैं भी बताया जिसमे देश की गिरती अर्थव्यवस्था के चलते कई प्रकार छुट भी दी जा सकती है।


 भारत सहित पुरे विश्व मै कोरोना की वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल के लिए मंज़ूरी भी दे दी गयी हैं, जिस पर डॉक्टर्स कार्यरत हैं पर अभी तक कोई कारगर इलाज सामने नहीं आया है।  और कई देशो का का दावा हैं की वो जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने मई कामयाब होंगे।  

Thursday, May 7, 2020

हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज़ नायकू कैसे उतरा मौत के घाट। क्या हैं ओपरेशन जैकबुट?



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जहाँ भारत सहित पुरे विश्व मैं कोरोना का खौफ के वजह से लोग अपने घरो बंद रहने को मजबूर हैं। वही दूसरी तरफ भारत मैं पिछले दिनों कश्मीर मै आतंकवादी गतिविधि तेज़ हो गई हैं जिसका हमारी सेना सही सही जवाब दे रही हैं।  इसी कड़ी मैं पिछले कई सालो से सेना के सर मै दर्द बने आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज़ नायकू को बुधवार को सुरक्षा बलो ने मार गिराया। आतंकवाद का पोस्टर बॉय बन चुका रियाज़ अपनी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए घाटी के बेरोज़गार युवको को अपनी और खींचता था, इसके पहले ये काम बुरहान वाणी किया करता था पर 2016 मैं सेना ने उसे भी मार गिराया था। नायकू भी नए पुलिस के  जवानो को भी भारत के खिलाफ प्रोत्साहित किया करता था। और पुलिसवालो  को टॉर्चर भी किया करता था ताकि वो एंटी मिलिटेंसी ओपरेशन मैं शामिल ना हो सके।  पिछले दिनों हमारे सेना के कई जवानो ने इन्ही आतंकवादियों गतिविधियों के चलते सहीद हो गए थे  इसलिए भारतीय सेना इसको एक बदले के रूप मै देख रही हैं।  रियाज़ नायकू के ऊपर 12 लाख का इनाम था और ये भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट मैं A + + केटेगरी मैं शामिल था। 


 पहले आतंकी बुरहान वाणी सहित सब्जार भट्ट, वसीम मल्ला, नसीर पंडित, इश्फाक हामिद,तारिक पंडित, अफ़ाक़ुल्लाह, आदिल ख़ानदी,सद्दाम पेद्दार, वसीम शाह और अनीस के साथ आतंकवादी एक्टिविटी को  लगातार अंजाम दे रहे थे और इन्होने कश्मीर के चार जिले पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपिया को  आज़ाद है कह कर ऐलान कर दिया था।  इसी दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने ऑपरशन जैक बूट की नींव रखी। जिसका रियाज़ नायकू अंतिम और अहम लक्ष्य था इस आतंकवादी ग्रुप का घाटी का लोकल नेटवर्क बहोत मजबूत था जिसकी वजह सुरक्षा बलों की थोड़ी सी मूवमेंट का इन आतंकवादियों को पता चल जाता था, पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल  के नेतृत्व मै आतंवादियो का एक एक करके सफाया हो गया।  सेना को  रियाज़ की आने की जैसे खबर मिली वैसे ही उन्होंने अपने कार्यकुशलता से घेराबंदी  कर दी और काफी मस्सकद के बाद उस घर को ही उड़ा दिया जिसमे नायकू और एक साथी छुपा था जिसके लिए सेना ने 40 किलो आई इ डी का इस्तेमाल किया और सेना को ट्रैन की पटरी तक तोडना पड़ा, पर सेना इसे एक बड़ी सफलता के रूप मै  देख रही हैं । पर NSA अजीत डोभाल द्वारा चलाये गए इस अभियान मैं 11 आतंकवादी जो टारगेट लिस्ट मैं थे उन सभी को मौत के घाट उतार दिया गया हैं। और 8 साल से चल रहे इस ओपरेशन जैकबुट ने सभी आतंकवादियों का सफाया  कर दिया।     


Friday, May 1, 2020

कोरोना का भारतीय व्यापार पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट। हज़ारो कंपनियों ने भारत आने की इच्छा जताई


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विश्व भर कोरोना वायरस के मार से सहम उठा हैं और कोरोना से निपटने का हर संभव प्रयास कर रहा हैं। अमेरिका सहित पूरी दुनिया की चीन के लिए बहोत तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। चूँकि चीन के वुहान से निकले इस कोरोना वायरस ने अब लगभग पुरे विश्व पर कब्ज़ा कर लियाऔर अब चीन विश्व के नज़रो मैं  शक के घेरे मैं हैं और दुनिया के सारे देश जाँच की मांग कर रहे हैं और सभी की निगाहे चीन पर टेढ़ी हैं। इसी कड़ी मैं देश और विदेश का सबसे बड़ा मैनुफेक्चरिंग हब कहे जाने वाले चीन अब भारी नुकसान से गुज़र सकता हैं।  


जी हाँ विश्व की लगभग 1000 कंपनिया अब चीन से हटकर भारत को एक वैकल्पिक रूप मैं देख रही हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से 300 कंपनिया मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल डिवाइसेस, टेक्सटाइल्स, सिंथेटिक फेब्रिक के क्षेत्र मैं भारत मैं फैक्ट्रिया लगाने के लिए  भारत सरकार से बातचीत कर रही हैं और बात सफल होती हैं तो ये चीन के लिए एक बड़ा झटका होगा। यहाँ तक भारत मैं उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्रदेश मैं इस पर काम भी शुरू कर दिया हैं। 


भारत सरकार का इस पर मानना हैं की जैसे ही ये कोरोना वायरस महामारी नियंत्रण मैं जाएगी वैसे ही भारत के व्यापरिक रूप से अच्छे परिणाम आने की उम्मीद हैं और भारत एक बड़े मैनुफेक्चरिंग हब के रूप मई उभरेगा। वैसे पिछले साल मेनुफेक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25.17 फीसदी कर दिया था और नई फैक्ट्रिया लगाने वालो के लिए ये 17 फीसदी ला दिया गया था। इससे सरकार को उम्मीद हैं की नयी कम्पनिया इससे ओर आकर्षित होंगी।  गौरतलब हैं चीन से फैले कोरोना वायरस के सही सटीक कारन अभी तक सामने नहीं आये हैं। और इसलिए भी चीन की संदेहपूर्ण छवि पुरे विश्व पर हर तरह से असर डाल रही हैं जिसके वजह से भारत बड़ा विकल्प बनकर सामने आया हैं और इसका सीधा फायदा भारत को होता दिख रहा है।  

धार्मिक स्थलों पर योगी का शिकंजा

  पिछले दिनों MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा ये ऐलान किया गया की मस्जिदों में लाउड स्पीकर्स को हटा लिया जाये नहीं तो MNS कार्यकर्त्ता मस्जि...