Thursday, May 7, 2020

हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज़ नायकू कैसे उतरा मौत के घाट। क्या हैं ओपरेशन जैकबुट?



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जहाँ भारत सहित पुरे विश्व मैं कोरोना का खौफ के वजह से लोग अपने घरो बंद रहने को मजबूर हैं। वही दूसरी तरफ भारत मैं पिछले दिनों कश्मीर मै आतंकवादी गतिविधि तेज़ हो गई हैं जिसका हमारी सेना सही सही जवाब दे रही हैं।  इसी कड़ी मैं पिछले कई सालो से सेना के सर मै दर्द बने आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज़ नायकू को बुधवार को सुरक्षा बलो ने मार गिराया। आतंकवाद का पोस्टर बॉय बन चुका रियाज़ अपनी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए घाटी के बेरोज़गार युवको को अपनी और खींचता था, इसके पहले ये काम बुरहान वाणी किया करता था पर 2016 मैं सेना ने उसे भी मार गिराया था। नायकू भी नए पुलिस के  जवानो को भी भारत के खिलाफ प्रोत्साहित किया करता था। और पुलिसवालो  को टॉर्चर भी किया करता था ताकि वो एंटी मिलिटेंसी ओपरेशन मैं शामिल ना हो सके।  पिछले दिनों हमारे सेना के कई जवानो ने इन्ही आतंकवादियों गतिविधियों के चलते सहीद हो गए थे  इसलिए भारतीय सेना इसको एक बदले के रूप मै देख रही हैं।  रियाज़ नायकू के ऊपर 12 लाख का इनाम था और ये भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट मैं A + + केटेगरी मैं शामिल था। 


 पहले आतंकी बुरहान वाणी सहित सब्जार भट्ट, वसीम मल्ला, नसीर पंडित, इश्फाक हामिद,तारिक पंडित, अफ़ाक़ुल्लाह, आदिल ख़ानदी,सद्दाम पेद्दार, वसीम शाह और अनीस के साथ आतंकवादी एक्टिविटी को  लगातार अंजाम दे रहे थे और इन्होने कश्मीर के चार जिले पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपिया को  आज़ाद है कह कर ऐलान कर दिया था।  इसी दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने ऑपरशन जैक बूट की नींव रखी। जिसका रियाज़ नायकू अंतिम और अहम लक्ष्य था इस आतंकवादी ग्रुप का घाटी का लोकल नेटवर्क बहोत मजबूत था जिसकी वजह सुरक्षा बलों की थोड़ी सी मूवमेंट का इन आतंकवादियों को पता चल जाता था, पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल  के नेतृत्व मै आतंवादियो का एक एक करके सफाया हो गया।  सेना को  रियाज़ की आने की जैसे खबर मिली वैसे ही उन्होंने अपने कार्यकुशलता से घेराबंदी  कर दी और काफी मस्सकद के बाद उस घर को ही उड़ा दिया जिसमे नायकू और एक साथी छुपा था जिसके लिए सेना ने 40 किलो आई इ डी का इस्तेमाल किया और सेना को ट्रैन की पटरी तक तोडना पड़ा, पर सेना इसे एक बड़ी सफलता के रूप मै  देख रही हैं । पर NSA अजीत डोभाल द्वारा चलाये गए इस अभियान मैं 11 आतंकवादी जो टारगेट लिस्ट मैं थे उन सभी को मौत के घाट उतार दिया गया हैं। और 8 साल से चल रहे इस ओपरेशन जैकबुट ने सभी आतंकवादियों का सफाया  कर दिया।     


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