पूरी दुनिया मैं कोरोना वायरस फैला हैं , इसी बिच एक अच्छी खबर आती दिख रही हैं। पूरी दुनिया कोरोना का इलाज ढूंढने मैं लगी हैं और सभी देशो ने पूरी ताकत लगा दी हैं, और पुरे विश्व के डॉक्टर कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए तमाम तरह के रीसर्च और एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं, इसी कड़ी मैं प्लाज़्मा थैरेपी को कोरोना वायरस के तोड़ के रूप मैं देखा जा रहा हैं, जी हाँ चीन और अमेरिका के बाद अब भारत भी इस कड़ी मैं जुड़ गया है, जहाँ प्लाज़्मा थैरेपी के सही नतीजे आते दिखे रहे हैं, और प्लाज़्मा थैरेपी के उत्साह वर्धक नतीजे देखने को मिल रहे हैं इस बात की जानकारी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके साथ डॉ एस के सरीन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों दिल्ली मै 4 मरीजों को प्लाज़्मा ट्रीटमेंट दिया गया ऐसा उन्होंने केंद्र सरकार की मंजूरी पर किया।
इलाज के सारे मरीजों के नतीजे अच्छे दिख रहे हैं। डॉ सरीन और सीएम केजरीवाल ने बताया की उनमे से 2 मरीज कुछ ही दिन मैं जल्दी ही डिस्चार्ज हो जायेंगे। क्या हैं प्लाज़्मा थैरेपी ? एंटीबॉडी का इस्तेमाल इस थैरेपी में किया जाता है, इसलिए इसे प्लाज्मा थैरेपी के अलावा एंटीबॉडी थैरेपी भी कहा जाता है। किसी खास वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब इंसान उससे पीड़ित होता है। अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है, जो मरीज इस वायरस की वजह से बीमार हुआ था। जब वह ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में इस कोविड वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनता है। इसी एंटीबॉडी के बल पर मरीज ठीक होता है। जब कोई मरीज बीमार रहता है तो उसमें एंटीबॉडी तुरंत नहीं बनता है, उसके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने में देरी की वजह से वह सीरियस हो जाता है।
ऐसे में जो मरीज अभी अभी इस वायरस से ठीक हुआ है, उसके शरीर में एंटीबॉडी बना होता है, वही एंटबॉडी उसके शरीर से निकालकर दूसरे बीमार मरीज में डाल दिया जाता है। वहां जैसे ही एंटीबॉडी जाता है मरीज पर इसका असर होता है और वायरस कमजोर होने लगता है, इससे मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। प्लाज़्मा थैरेपी कोरोना वायरस से ठीक करने का पूर्ण विकल्प नहीं है पर चूँकि इसका परिणाम कोरोना वायरस की फर्स्ट और सेकंड स्टेज को पूर्ण रूप से ठीक होने मैं पॉजिटिव हैं इसलिए अरविन्द केजरीवाल सरकार ने कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगो से अपील भी की है की वो सामने आकर अपने प्लाज़्मा सैंपल देकर देश भक्ति दिखाए, और दुसरो मरीजों को स्वस्थ होने के लिए मदद करे ताकि केंद्र सरकार की मंज़ूरी पर इससे और टेस्ट किये जा सकेंगे। अब देखने वाली बात है की ये प्लाज़्मा थैरेपी जिससे अब इतनी उम्मीदे हैं इस बुरे दौर मैं कारगर निकले।
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