पूरा विश्व कोरोना की मार से अपने आप को बचाने मै लगा हुआ हैं, और कोरोना पूरी ताकत से आक्रामक हैं। चीन से फैला ये खतरनाक वायरस पुरे विश्व पर अपना कब्ज़ा करता जा रहा है जिसका असर चीन से सारे विश्व के आर्थिक सम्बन्धो का ख़राब होते दिख रहा है। जापान, अमेरिका और विश्व के दूसरे देशो ने चीन से अपने आर्थिक संबन्धों को धीरे धीरे ख़तम करने का फैसला तक कर लिया हैं। पर इस बात मैं कितनी सच्चाई है कि चीन ही इसका पूर्णरूप से ज़िम्मेदार है, कही इसमें अमेरिका भी बराबर का हिस्सेदार तो नहीं ? जी हाँ अमेरिकन मीडिया के अनुसार चीन के वुहान लैब से फैले कोरोना वायरस ने जो आतंक पुरे विश्व मैं मचाया है उसमे सिर्फ चीन ही ज़िम्मेदार नहीं अमेरिका भी हो सकता है ! कोरोना वायरस फ़ैलाने के षड़यंत्र की बहोत सी बातें सामने आ रही हैं, वही एक और बात सामने आयी है जिसमे चीन मैं फैले इस कोरोना वायरस मैं अमेरिका भी हिस्सेदार होने की बात भी सामने आयी हैं।
ये बात उस वक़्त की जब तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबमा के शासन मैं उस वक़्त के अमेरिका के 'नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शन डिसीसेस' मतलब ( NIAID ) के डायरेक्टर डॉक्टर अन्थोनी फाउची की अध्यक्षता मै चीन को 2015 से 3.7 मिलियन डॉलर फण्ड दिया है , ये फण्ड चीन को वुहान की लैब को दिया गया, ताकि वो चमगादड़ों पर रिसर्च कर सके और ये फंडिंग ट्रम्प के समय मै भी चालू हैं। पहले अमेरिका इस रिसर्च को अपने यहां करना चाहता था पर सुरक्षा कारणों से उसने चीन को फंडिंग की। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ जो की अमेरिका की एक सरकारी संस्था हैं जिसके ज़रिये चीन की वुहान लैब को फंडिंग की जा रही है और वुहान लैब मैं जिसका नाम सीधा सीधा पार्टनर मैं लिखा हैं हालाँकि ट्रम्प सरकार ने इतना कुछ होने पर ये फंडिंग पर रोक लगा दी हैं। एक अमेरिकी न्यूज़ चैनल के मुताबिक डॉ अन्थोनी ने ये बात 2014 मैं ही बता दी थी और इस रिसर्च के लिए बजट पास करवाया था। और 2017 मैं डॉ अन्थोनी फाउची ने ये बात बता दी थी की एक घातक महामारी का वायरस आ सकता हैं। तो अब सवाल ये उठता है की इस महामारी का डॉ फाउची ने 2017 मैं कैसे बता दिया ?
अमेरिका,चीन को ये फंडिंग सार्स और दूसरे वायरस पर रिसर्च करने को दिया करता था ताकि वो चमगादड़ो की सभी प्रजातियों पर खोज कर पाए। पर सवाल ये है की इतना सबकुछ पता होने पर भी अमेरिका ने ये सारी जानकारियां छुपाई क्यों ? अमेरिका मैं चुनाव भी नज़दीक हैं इसलिए ये सवाल अमेरिकी संसद मैं उठ रहे है और अमेरिकी सरकार बचाव के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एलर्जी एंड इन्फेक्शन डिसीसेस के डायरेक्टर डॉ अन्थोनी फाउची को आगे कर रही हैं। पर हैरानी की बात तो ये है की डॉ फाउची अभी भी ये बात मानाने को तैयार नहीं हैं। पर शक सुई उन पर ही गहराती जा रही हैं। पर चीन मैं जिस चमगादड़ की प्रजाति से ये वायरस फैलने का दावा किया जा रहा हैं और जिसकी वजह से चीन की वुहान लैब पूरी दुनिया के शक के घेरे मैं है वो असल मैं चीन मैं पाया ही नहीं जाता 2 चीनी साइंटिस्ट के मुताबिक अगर कोई हैं भी तो वो चीन के वुहान से लगभग 900 किलोमीटर दूर हैं तो वो सीफुड मार्केट तक कैसे पहोचा ? और ना ही वहा के स्थानीय लोगो का कोई भी चमगादड़ पसंदीदा भोजन नहीं हैं ये रिपोर्ट गलत हैं की वुहान सीफुड मार्केट मै चमगादड़ बिकता हैं। तो इस वायरस से होने वाले इतने बड़े नुकसान का ज़िम्मेदार आखिर कौन हो सकता हैं ? और इसलिए शायद डॉ फाउची पर शक जताया जा रहा हैं , अमेरिका ने साफ बोल दिया हैं की जो भी इसके लिए ज़िम्मेदार पाया जायेगा उसे इसके बहोत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। पर जिन डॉ फाउची को शक के घेरे मैं खड़ा किया जा रहा है असल मैं वो अमेरिकी कोरोना वायरस टास्क फाॅर्स के प्रमुख भी हैं। इसलिए अब अमेरिका खुद ही अपने सवालो के घेरे मैं हैं।
Well written article
ReplyDeleteHow is its true and facts about this story? It will be cleared in future.
ReplyDeleteyess absolutely..this is regarding wait and watch, hoping we will come out from this deadly pandemic..thanks
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