Thursday, May 28, 2020

लोगो के दर्द को ना देख सके। संकट मोचन बनकर आये देश मे कुछ प्रमुख लोग




पुरे विश्व मैं  कोरोना वायरस का संकट चल रहा है। भारत मे भी कोरोना संकट गहराता जा रहा है, चीन से फैले इस वायरस से और देशो के अपेक्षा भारत कोरोना वायरस रोकने के अपने नीतियों की वजह से काफी बेहतर स्तिथि मे है।  भारत सहित पुरे विश्व मै कोविड 19 के संक्रमित लोगो की संख्या लगातार बढ़ती दिख रही है, और पूरा विश्व कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने मे जुड़ा हुआ हैं। भारत मे भी लॉकडाउन के चलते बेरोज़गारी का सामना करते प्रवाशी मजदूर वर्ग के लोग रोज़ाना पलायन करते नज़र आ रहे है।  इसमें मजदूर वर्ग के साथ साथ वो लोग भी खास दिक्कतों का सामना कर रहे है जिनका का काम जैसे रोज़ाना कुआं खोदना है और रोज़ पानी पीना है। इसीलिए शायद वो भी एक राज्य से दूसरे राज्य को पैदल ही पलायन करने को मजबूर है।




पर भारत एक ऐसा  देश है जहा महापुरषो और फ़रिश्तो की कोई कमी नहीं है, देश मे सबसे ज्यादा कोरोना की मार झेल रहा राज्य महाराष्ट्र है जहाँ आर्थिक राजधानी मुंबई हैं जहाँ  कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा हैं। जहाँ इन मजबूर  लोगो के लिए बॉलीवुड इंडस्ट्रीज के साथ साथ  सोशल एक्टिविस्ट फ़रिश्तो के तरह सामने आये हैं तो कई समाजसेवी संस्था ने आगे आकर हाथ बढ़ाया है।  इसी कड़ी मे बॉलीवुड के प्रसिद्ध एक्टर सोनू सूद जो इन दिनों काफी सुर्खियों मे है और जिन्हें इन मजदूरों का पैदल पलायन जैसा दर्द देखा नहीं जा रहा है। सरकार की नाकाफी व्यवस्थाओ के चलते सोनू सूद ने जैसे मानो इन प्रवाशी मजदूरों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया है, यहाँ तक सोशल मीडिया पर सोनू ने टोल फ्री नंबर्स भी दिए है जिन पर कॉल या वाट्सऐप्प करने पर अपने अपने मंज़िलो पर पहोचा दिया जाता हैं।  यहां तक की सोनू ने ट्वीट कर कहा की ' मेरे प्यारे श्रमिक भाई और बहनो अगर आप अपने अपने घर जाना चाहते हैं तो कृपया 180012133711 पर कॉल करे या 9321472118 पर अपना नाम और पता वाट्सऐप्प करे। सभी की दुवाओ के साथ साथ सोनू की पूरा बॉलीवुड तारीफ कर रहा हैं। पिछले दिनों बॉलीवुड सुपर स्टार अक्षय कुमार भी दिखे थे जिन्होंने पीएम केयर फण्ड मै कोरोना वायरस के मदद के लिए 25 करोड़ रुपये का दान किया था।






दूसरी तरफ इसी कड़ी मै प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लोकोपकारक (Philanthropist ) डॉ अनिल काशी मुरारका भी पीछे नहीं हैं। लगातार  समाज कल्याण के कार्य करते अनिल काशी मुरारका अपनी संस्था ऐम्पल मिशन के अंतर्गत आम गरीब और बेसहारा लोगो के साथ साथ स्पेशल कम्युनिटी जैसे ट्रांसजेंडर, एसिड अटैक सर्वाइवर और डीवार्फ कम्युनिटी जैसे लोगो के लिए इस कठिन घडी मे लगातार मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। दशकों से मानो  डॉ अनिल काशी मुरारका समाज कल्याण को अपना लक्ष्य बना कर चल रहे हैं, साथ ही साथ अपनी संस्था ऐम्पल मिशन  के तहत लगातार कई प्रकार के कार्यक्रम जैसे  भारतीय सेना के शहीदों के सम्मान और दिव्यांगों को विशेष दर्ज़ा देने को अवार्ड ज़िन्दगी के और भारत प्रेरणा नाम के अवार्ड शोज आयोजित करते हैं जो काफी सरहानीय है । ऐसे महामारी के दौर मे  भी वो लोगो की हर तरह की ज़रूरतों को पूरा करने की कोशिश करते  नज़र आ रहे है।  पेशे से एक इंडस्ट्रियलिस्ट डॉ अनिल काशी मुरारका का मानना है की 'इंसान बड़े नहीं होते सिर्फ इंसानियत बड़ी होती वो चाहे किसी भी रूप मई हो'। 
इसी योगदान और कार्य के चलते उन्हें कई बार सरकारी और प्राइवेट संस्थाओ द्वारा सम्मानित भी किया गया है। 

Wednesday, May 13, 2020

भुख और प्यास से परेशान पलायन करते लोग। क्या हैं लॉकडाउन 4 . 0 ?


 

 पुरे विश्व के साथ साथ भारत भी कोरोना  वायरस से पूरी तरह प्रभावित हैं। जहा एक तरफ भारत सरकार ने कोरोना के लिए भारत के सभी राज्यों को देश की 10 फीसदी जीडीपी का हिस्सा यानि 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज का ऐलान किया है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता का नया नारा देते हुए देश मै स्वदेशी चीज़ो को अपनाने का लोगो से आग्रह किया है।  ताकि कोरोना वायरस के चलते देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को काबु मे लाया जा सके।  वही दूसरी और देश मे कोरोना वायरस के चलते मजदुर और गरीब वर्ग के लोगो  का रोज़गार न होने से एक राज्य से दूसरे राज्य मैं पलायन चालू हैं। जिसे भी जैसे भी जाने के संसाधन मिल रहे वैसे वैसे वो पलायन करते जा रहे हैं। हालाँकि सरकार और कुछ NGO मदद के लिए आगे आ रहे हैं पर इतनी बड़ी संख्या मै पलायन के लिए संसाधन पूर्ण रूप समर्थ नहीं दिख रहे हैं और शायद फिजिकल डिस्टेंसिंग ना होने से  इन लोगो को कोरोना वायरस का खतरा भी बढ़ता जा रहा हैं  इसी कड़ी मै एक राज्य से दूसरे राज्यों मे जाने मे लोगो को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।  और अपनी बेसिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इसी कड़ी मे महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जाते हुए भी इनका कुछ ऐसा ही हाल हैं।


जहा पुरे भारत मै लॉकडाउन होने के कारन बेरोज़गारी अपने चरम पर हैं। और कई  निजी संस्थानों मैं सैलरी कट होने से लेकर रोज़गार छीनने तक का डर लोगो मैं बढ़ता जा रहा हैं, देश के प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों देश को सम्भोधित करते हुए लॉक डाउन 4 के बारे मैं भी बताया जिसमे देश की गिरती अर्थव्यवस्था के चलते कई प्रकार छुट भी दी जा सकती है।


 भारत सहित पुरे विश्व मै कोरोना की वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल के लिए मंज़ूरी भी दे दी गयी हैं, जिस पर डॉक्टर्स कार्यरत हैं पर अभी तक कोई कारगर इलाज सामने नहीं आया है।  और कई देशो का का दावा हैं की वो जल्द ही कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने मई कामयाब होंगे।  

Thursday, May 7, 2020

हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज़ नायकू कैसे उतरा मौत के घाट। क्या हैं ओपरेशन जैकबुट?



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जहाँ भारत सहित पुरे विश्व मैं कोरोना का खौफ के वजह से लोग अपने घरो बंद रहने को मजबूर हैं। वही दूसरी तरफ भारत मैं पिछले दिनों कश्मीर मै आतंकवादी गतिविधि तेज़ हो गई हैं जिसका हमारी सेना सही सही जवाब दे रही हैं।  इसी कड़ी मैं पिछले कई सालो से सेना के सर मै दर्द बने आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज़ नायकू को बुधवार को सुरक्षा बलो ने मार गिराया। आतंकवाद का पोस्टर बॉय बन चुका रियाज़ अपनी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए घाटी के बेरोज़गार युवको को अपनी और खींचता था, इसके पहले ये काम बुरहान वाणी किया करता था पर 2016 मैं सेना ने उसे भी मार गिराया था। नायकू भी नए पुलिस के  जवानो को भी भारत के खिलाफ प्रोत्साहित किया करता था। और पुलिसवालो  को टॉर्चर भी किया करता था ताकि वो एंटी मिलिटेंसी ओपरेशन मैं शामिल ना हो सके।  पिछले दिनों हमारे सेना के कई जवानो ने इन्ही आतंकवादियों गतिविधियों के चलते सहीद हो गए थे  इसलिए भारतीय सेना इसको एक बदले के रूप मै देख रही हैं।  रियाज़ नायकू के ऊपर 12 लाख का इनाम था और ये भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट मैं A + + केटेगरी मैं शामिल था। 


 पहले आतंकी बुरहान वाणी सहित सब्जार भट्ट, वसीम मल्ला, नसीर पंडित, इश्फाक हामिद,तारिक पंडित, अफ़ाक़ुल्लाह, आदिल ख़ानदी,सद्दाम पेद्दार, वसीम शाह और अनीस के साथ आतंकवादी एक्टिविटी को  लगातार अंजाम दे रहे थे और इन्होने कश्मीर के चार जिले पुलवामा, कुलगाम, अनंतनाग और शोपिया को  आज़ाद है कह कर ऐलान कर दिया था।  इसी दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने ऑपरशन जैक बूट की नींव रखी। जिसका रियाज़ नायकू अंतिम और अहम लक्ष्य था इस आतंकवादी ग्रुप का घाटी का लोकल नेटवर्क बहोत मजबूत था जिसकी वजह सुरक्षा बलों की थोड़ी सी मूवमेंट का इन आतंकवादियों को पता चल जाता था, पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल  के नेतृत्व मै आतंवादियो का एक एक करके सफाया हो गया।  सेना को  रियाज़ की आने की जैसे खबर मिली वैसे ही उन्होंने अपने कार्यकुशलता से घेराबंदी  कर दी और काफी मस्सकद के बाद उस घर को ही उड़ा दिया जिसमे नायकू और एक साथी छुपा था जिसके लिए सेना ने 40 किलो आई इ डी का इस्तेमाल किया और सेना को ट्रैन की पटरी तक तोडना पड़ा, पर सेना इसे एक बड़ी सफलता के रूप मै  देख रही हैं । पर NSA अजीत डोभाल द्वारा चलाये गए इस अभियान मैं 11 आतंकवादी जो टारगेट लिस्ट मैं थे उन सभी को मौत के घाट उतार दिया गया हैं। और 8 साल से चल रहे इस ओपरेशन जैकबुट ने सभी आतंकवादियों का सफाया  कर दिया।     


Friday, May 1, 2020

कोरोना का भारतीय व्यापार पर पॉजिटिव इफ़ेक्ट। हज़ारो कंपनियों ने भारत आने की इच्छा जताई


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विश्व भर कोरोना वायरस के मार से सहम उठा हैं और कोरोना से निपटने का हर संभव प्रयास कर रहा हैं। अमेरिका सहित पूरी दुनिया की चीन के लिए बहोत तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। चूँकि चीन के वुहान से निकले इस कोरोना वायरस ने अब लगभग पुरे विश्व पर कब्ज़ा कर लियाऔर अब चीन विश्व के नज़रो मैं  शक के घेरे मैं हैं और दुनिया के सारे देश जाँच की मांग कर रहे हैं और सभी की निगाहे चीन पर टेढ़ी हैं। इसी कड़ी मैं देश और विदेश का सबसे बड़ा मैनुफेक्चरिंग हब कहे जाने वाले चीन अब भारी नुकसान से गुज़र सकता हैं।  


जी हाँ विश्व की लगभग 1000 कंपनिया अब चीन से हटकर भारत को एक वैकल्पिक रूप मैं देख रही हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें से 300 कंपनिया मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल डिवाइसेस, टेक्सटाइल्स, सिंथेटिक फेब्रिक के क्षेत्र मैं भारत मैं फैक्ट्रिया लगाने के लिए  भारत सरकार से बातचीत कर रही हैं और बात सफल होती हैं तो ये चीन के लिए एक बड़ा झटका होगा। यहाँ तक भारत मैं उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्रदेश मैं इस पर काम भी शुरू कर दिया हैं। 


भारत सरकार का इस पर मानना हैं की जैसे ही ये कोरोना वायरस महामारी नियंत्रण मैं जाएगी वैसे ही भारत के व्यापरिक रूप से अच्छे परिणाम आने की उम्मीद हैं और भारत एक बड़े मैनुफेक्चरिंग हब के रूप मई उभरेगा। वैसे पिछले साल मेनुफेक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स को घटाकर 25.17 फीसदी कर दिया था और नई फैक्ट्रिया लगाने वालो के लिए ये 17 फीसदी ला दिया गया था। इससे सरकार को उम्मीद हैं की नयी कम्पनिया इससे ओर आकर्षित होंगी।  गौरतलब हैं चीन से फैले कोरोना वायरस के सही सटीक कारन अभी तक सामने नहीं आये हैं। और इसलिए भी चीन की संदेहपूर्ण छवि पुरे विश्व पर हर तरह से असर डाल रही हैं जिसके वजह से भारत बड़ा विकल्प बनकर सामने आया हैं और इसका सीधा फायदा भारत को होता दिख रहा है।  

धार्मिक स्थलों पर योगी का शिकंजा

  पिछले दिनों MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा ये ऐलान किया गया की मस्जिदों में लाउड स्पीकर्स को हटा लिया जाये नहीं तो MNS कार्यकर्त्ता मस्जि...