Tuesday, April 26, 2022

धार्मिक स्थलों पर योगी का शिकंजा

 


पिछले दिनों MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा ये ऐलान किया गया की मस्जिदों में लाउड स्पीकर्स को हटा लिया जाये नहीं तो MNS कार्यकर्त्ता मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे और साथ ही उद्धव सरकार को ३ मई तक टाइम दिया की वो इस पर कार्यवाही करे और  मस्जिदों से लाऊड स्पीकर को हटा ले ताकि दूसरे लोगो को इससे असुविधा न अगर ऐसे नहीं हुआ तो उनके कार्यकर्ता उनके  MNS स्टाइल समझायेंगे, अब उद्धव सर्कार इस धर्मसंकट में है की अगर मैंने इसके पक्ष में बोला तो NCP और कांग्रेस उनसे समर्थन न वापस लेले और CM की कुर्सी से उन्हें उतरना पड़े और अगर वो इसके विपक्ष में बोलेगे तो बरोसो से जो शिवसेना की हिंदुत्व वाली छवि जो काफी हद तक जा चुकी है पूरी तरह से न चली जाये, वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के योगी सर्कार जो ने भी इस पर कड़ा रुख करर्ते हुए सारे धार्मिक स्थलों को अपनी सीमा में रहने के कड़े आदेश दिए है ताकि दुसरो को और आम जान जीवन पर इसका असर न पड़े, इसकी शुरुवात उन्होंने अपने गढ़ मतलब गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर से शुरुवात की और मंदिर परिसर में लॉउड स्पीकर को धीमी और सिमित आवाज़ में चलाने के आदेश दिए हैं,  


इसके बाद मथुरा में सभी मंदिर में इसका पालन किया गया फिर इसका क्विक एक्शन देखने को मिला मथुरा के मस्जिदों में भी इसका पालन हुआ, साथ ही UP के सभी धार्मिक स्थलों वो चाहे मंदिर हो या मस्जिद  सभी जगह इसका पालन किया जाने लगा, योगी सर्कार अपने बेहतरारीन क्विक एक्शन प्लान के लिए पुरे देश में अपना एक अलग मॉडल बनती जा रही है। इसी कड़ी पिछले दिनों योगी सरकार ने ये आदेश दिए थे की अपनी विचार धारा के अनुसार 'सभी को अपने उपासना पद्धति मानने की पूरी स्वत्रंता है, माइक का इस्तेमाल भी किया जा सकता है पर ये सुनिचित हो की माइक की आवाज़ उस धार्मिक परिसर ने बहार न आये और दूसरे लोगो को असुविधा न हो, नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति न दे' UP में अलग अलग जगह इसका सीधा असर भी देखने को मिला और नमाजियों ने इसका पालन किया और साथ ही कुछ स्थलों पर मस्जिदों के बहार लिखा भी गया की कृपया रोड पर नमाज़ न पढ़े,  आपको बता दे देश के कई हिस्सों से नमाज़ सड़को पर पढ़ने की खबरे सामने आती रहती है UP भी में ऐसे बहोत जगह पर देखने को मिलता है तो इसी कड़ी में योगी सरकार ने सख्त आदेश दिए की धार्मिक चीज़े सिर्फ तय स्थान पर ही हो, सड़को पर न हो ताकि यातायात बाधित न हो और दुसरो को असुविधा न हो,  इसके पहले CM योगी ने मौलानाओ से मीटिंग करके उन्हें बी इस बाद की हिदायत दी और घंभीरता से लेने के लिए कहा और सभी ने योगी आदित्यनाथ के इस आदेश का पालन भी किया पर अब महाराष्ट्र में जहा इस बात को लेकर हाहाकार मचा है तो UP में योगी सरकार के एक आदेश पर इसका पूरा असर देखने को मिल रहा है अब उद्धव सरकार इससे कैसे निपटती है ये देखने वाली बात होगी आपका इस बारे में क्या कहना है कमेंट बॉक्स में लिख कर बतायें।

Tuesday, April 12, 2022

 


UP में योगी आदित्यनाथ 2.0 आने के बाद बाबा बुलडोज़र एक एक करके सबका हिसाब ले रहे है, बस यू समझिये जैसे उन्होंने लिस्ट बना कर रखी हो, इसी लिस्ट में सबसे ऊपर नाम था मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ जहरीले बोल बोलने वाले सपा विधायक शहजिल इस्लाम का जिनके  पेट्रोल पंप पर बगैर नक्शा पास कराए निर्माण का आरोप था जिसे बाबा के बुलडोज़र ने डहा दिया, योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाले सपा विधायक शहजिल इस्लाम ने योगी आदित्यनाथ धमकी देते हुए कहा था की योगी की आवाज निकली तो हमारी भी बंदूकों से धुआँ नहीं निकलेगा बल्कि गोली चलेगी इसी एसपी विधायक के पेट्रोल पंप पर पिछले दिनों को जेसीबी चला दी गई है। बरेली की भोजीपुरा सीट से एसपी के विधायक हैं शहजिल इस्ला। बाबा ने मुख्यम्नत्री की सपथ लेते ही हाथो हाथ काम निपटा दिया, अभी रुकिए काम की लिस्ट लम्बी है और शायद योगी जी सपथ लेने के अगले दिन ही बना ली थी, इसी कड़ी में मेरठ के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग भी एक्शन में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को याकूब कुरैशी के खिलाफ बड़ी कार्यवाई की है, और मेरठ स्तिथ उसके माय सिटी हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है।  बताया जा रहा है कि यह हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था, साथ ही UP पोलिश ने याकूब की कुंडली का रिकॉर्ड खंगाला है उसके मुताबिक हाजी याकूब पर अलग-अलग थानों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं।साथ ही पोलिश ने अलग अलग जगह पर याकूब को ढूंढने के दबिश दे रही है जिससे उन्हें एक जगह पर करोडो रूपये के मीट मिला जो अवैध रूप से दूसरे देशो में भेजने की तैयारी चल रही थी , याकूब अपने पुरे परिवार के साथ फरार है आगे UP पोलिश की कार्यवाही क्या होती है वो देखने वाली बात होगी? UP में योगी आदित्यनाथ 2.0 आने के बाद बाबा बुलडोज़र एक एक करके सबका हिसाब ले रहे है, बस यू समझिये जैसे उन्होंने लिस्ट बना कर रखी हो, इसी लिस्ट में सबसे ऊपर नाम था मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ जहरीले बोल बोलने वाले सपा विधायक शहजिल इस्लाम का जिनके  पेट्रोल पंप पर 

बगैर नक्शा पास कराए निर्माण का आरोप था जिसे बाबा के बुलडोज़र ने डहा दिया, योगी आदित्यनाथ को धमकी देने वाले सपा विधायक शहजिल इस्लाम ने योगी आदित्यनाथ धमकी देते हुए कहा था की योगी की आवाज निकली तो हमारी भी बंदूकों से धुआँ नहीं निकलेगा बल्कि गोली चलेगी इसी एसपी विधायक के पेट्रोल पंप पर पिछले दिनों को जेसीबी चला दी गई है। बरेली की भोजीपुरा सीट से एसपी के विधायक हैं शहजिल इस्ला।   

बाबा ने मुख्यम्नत्री की सपथ लेते ही हाथो हाथ काम निपटा दिया, अभी रुकिए काम की लिस्ट लम्बी है और शायद योगी जी सपथ लेने के अगले दिन ही बना ली थी, इसी कड़ी में मेरठ के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग भी एक्शन में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को याकूब कुरैशी के खिलाफ बड़ी कार्यवाई की है, और मेरठ स्तिथ उसके माय सिटी हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है।  बताया जा रहा है कि यह हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित किया जा रहा था, साथ ही UP पोलिश ने याकूब की कुंडली का रिकॉर्ड खंगाला है उसके मुताबिक हाजी याकूब पर अलग-अलग थानों में एक दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं।साथ ही पोलिश ने अलग अलग जगह पर याकूब को ढूंढने के दबिश दे रही है जिससे उन्हें एक जगह पर करोडो रूपये के मीट मिला जो अवैध रूप से दूसरे देशो में भेजने की तैयारी चल रही थी , याकूब अपने पुरे परिवार के साथ फरार है आगे UP पोलिश की कार्यवाही क्या होती है वो देखने वाली बात होगी?


यूपी (UP) में पूर्ण बहुमत के साथ सूबे की सत्ता पर वापसी करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) फुल एक्शन में हैं. सीएम योगी अपनी बैठकों में जनता के काम में कोताही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दे चुके हैं. इस बीच एक बार फिर से यूपी में शहरों के नाम बदलने की तैयारी है. पहले 12 शहरों में से 6 जिलों के नाम पहले बदले जाएंगे.  रिपोर्ट के मुताबिक इस लिस्ट में अलीगढ़, फर्रुखाबाद, सुल्तानपुर, बदायूं, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर का नाम शामिल है. अलीगढ़ का नाम बदलने के लिए पिछले साल 6 अगस्त, 2021 को पंचायत कमेटी ने अपने नए अध्यक्ष विजय सिंह की अगुआई में नाम बदलने के साथ नए नाम का प्रस्ताव भी पारित किया था. अब इस जिले का नाम हरिगढ़ या फिर आर्यगढ़ रखने की तैयारी की जा रही है. वहीं फर्रुखाबाद जिले से भी लगातार दूसरी बार सांसद बने मुकेश राजपूत ने हाल ही में फर्रुखाबाद का नाम बदलकर पांचाल नगर करने की मांग की है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा है कि यह जिला द्रौपदी के पिता द्रुपद पांचाल राज्य की राजधानी थी. इसीलिए इसका नाम पांचाल नगर होना चाहिए. इसी तरह सुल्तानपुर की लंभुआ सीट से बीजेपी के विधायक रहे देवमणि द्विवेदी जिले का नाम बदलकर ‘कुशभवनपुर’ करने





का प्रस्ताव सरकार को भेज चुके हैं. शाहजहांपुर से विधायक रहे मानवेंद्र सिंह ने योगी सरकार के पास जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव भेज चुके हैं. उन्होंने शाहजहांपुर का नाम ‘शाजीपुर’ रखने का सुझाव दिया है. इसी तरह फिरोजाबाद में 2 अगस्त 2021 को हुई बैठक में जिले का नया नाम चंद्र नगर रखने का प्रस्ताव पारित हुआ था. हालांकि बदायूं का नाम बदलने के लिए अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन सीएम योगी की लिस्ट में इस जिले का भी नाम है. इसके साथ योगी सरकार द्वारा भारी संख्या में UP के अवैध रूप चल रहे मदरसों की भी एक लिस्ट ज़ारी हो चुकी है, आपको बता दे की मदरसों में UP सरकार स्पेशल शिक्षकों की नियुक्ति भी करती है ताकि बच्चो के आधुनिकरण में कुछ कमी न रह जाये इसी कड़ी काफी मदरसों से शिकायत आने पर योगी सरकार ने ये कदम उठाया है और एक इसके लिए एक स्पेशल टीम गठित की है। ताबड़तोड़ काम कर रही योगी सरकार का अगला कदम क्या होगा वो देखने वाली बात होगी।

Thursday, April 7, 2022

कैसे आयी श्रीलंका में 'EMERGENCY'


 बेहद महँगाई से भुखमरी के कगार पर आ गया श्रीलंका, लोग सड़को पर आ चुके है,  आखिर क्या कारन है? श्रीलंका के इतने बड़े आर्थिक संकट का जिसके वजह से वह पर आपातकाल जैसी स्तिथि आ गयी, इन दिनों हमारे 2 पडोसी देश इस कदर महँगाई और भुखमरी की मार झेल रहे है, कि उन देशो की जनता सड़को पर आ चुकी है  जिसमे एक है पाकिस्तान और दूसरा है श्रीलंका हैं, आज बात करेंगे श्रीलंका के बारे में, ये जानेगे की आखिर इतने सालो से शांति से रह रहे भारत के पडोशी देश श्रीलंका में क्यों त्राहिमाम मचा हुआ है, दोस्तों कंगाल हुए श्रीलंका में महँगाई के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है यहाँ तक की वहा की आम जनता खाने पिने सामान खरीदने में असमर्थ है, सब्जी, राशन पैट्रॉल डिसल ४ गुना महंगा हो गया है, आलम तो ये है की बिजली सिर्फ ४ घंटे आ रही है, वह के लोग देश छोड़ना चाहते है पर पैसे न होने के वजह वो भी नहीं छोड़ पा रहे है, सत्ता के सभी लोगो ने इस्तीफा दे दिया है, और तो और सरकार में बची हुई सरकारो ने रोड लाइट्स तक बंद कर दी है ताकि थोड़ी जो बिजली लोगो तक पहोच रही है वो पहोच जाये, ऐसे ही हालत रही तो साल के अंत तक श्रीलंका दिवालिया घोसित हो जायेगा, वह के रुपये में इतनी गिरावट आ चुकी है की डॉलर के मुकाबले वहा की करेंसी पहले एक डॉलर में 200 श्रीलंका के रुपये के बराबर होती थी वो अब बढ़ कर कर 300 हो गया है , अब आते है इसके पीछे के कारन पर की श्रीलंका की हालत ऐसे कैसे हु। फरवरी के महीने में श्रीलंका के फॉरेन करेंसी रिज़र्व्स 2.3 बिलियन डॉलर्स थे, जो जनवरी 2020 तक 70% निचे गिर  चुके है,  किसी भी देश के पास फॉरेन करेंसी रिज़र्व्स नहीं होते तो वो किसी भी प्रकार का इम्पोर्ट नहीं कर सकते है, श्रीलंका के करंट सिचुएशन के हिसाब से वो सिर्फ एक महीने के ही गुड्स इम्पोर्ट कर सकते है, इसके अलावा 4 बिलियन का क़र्ज़ है श्रीलंका के ऊपर, एक इंडियन रुपया लगभग 4 श्रीलंकन रुपये के बराबर होता है, अब सबसे बड़ा सवाल ये है इतनी बड़ी इकनोमिक क्राइसेस श्रीलंका में आयी क्यों क्या कारन है इसके पीछे का जानते है.


श्रीलंका में 2018 तक टूरिज्म अपने पुरे चरम पर था, मतलब श्रीलंका की 12 -13 % जीडीपी टूरिस्म पर निर्भर थी, पर लगातार आतंकवाद झेल रहे श्रीलंका में 2020 से दम तोड़ता नज़र आया, साथ ही कोरोना वायरस के चलते विश्वभर में जो असर हुआ उससे पर्यटन पूरा बंद हो गया, एक के बाद एक थपेड़े झेल रहा श्रीलंका इसे रोकने में नाकामयाब रहा, दूसरा कारन है की 2019 में इलेक्शन जीत कर आये प्रेजिडेंट Gotabaya राजपक्सा ने अपने मेनिफेस्टो के वादे के अनुसार कंस्यूमर टैक्सेज कम कर दिए, पर lockdown होने के कारन उसका भी खामियाज़ा उन्हें भुगतना पड़ा और वो फ़ैल हो गए,  इसके अलावा साल 2017 में श्रीलंका का टोटल क़र्ज़ 64 बिलियन डॉलर्स था. 90 से 95% सरकार की कमाई क़र्ज़ चुकाने में चली जाती थी. २०२० में श्रीलंका साकार ने इम्पोर्ट पर बेन लगा दिया उस वक़्त तक उनका क़र्ज़ ५१ बिलियन डॉलर था.

अच्छा इसमें चीन ऐसी कंट्री है जिसने श्रीलंका के ऊपर डेट ट्रैपिंग (debt trapping) करना शुरू किया था, और काफी हद तक वो सफल रहा है. डेट ट्रैप मीन्स पहले क़र्ज़ देते रहो फिर अगर कोई देश क़र्ज़ नहीं लौटा पाए तो उसे अपने जाल में फसा लो और फिर धीरे धीरे उस देश पर कब्ज़ा कर लो, और तो और क़र्ज़ तले दबे श्रीलंका ने अपने कुछ पोर्ट्स चीन के हवाले कर दिए जिसके लिए श्रीलंका क़र्ज़ नहीं चूका पाया, जिसके लिए चीन ने उस पर कब्ज़ा कर लिया, चीन की यही तरीका पाकिस्तान पर लागू करके चल रहे है. इतना सब देखने के बाद भी शायद पाकिस्तान नहीं समझ पायेगा की ये एक तरह का ट्रैप है, और यही बात शायद नेपाल को भी समझ आ चूका है, पिछले दिनों आपने सुना होगा नेपाल भारत के खिलाफ और चीन के फेवर में बोलने लगा था, पर वक़्त रहते है शायद उन्हें समझ में आ रहा है और आगे भी आजाये तो अच्छा है उन्हें चीन के जाल में नहीं फसना तो। भारत का यहाँ रोल नेपाल और श्रीलंका के लिए बराबर रहा, इसलिए शायद पिछले दिनों नेपाल के प्रधानम्नत्री Sher Bahadur देउबा भारत के साथ वापस अच्छे सम्बन्ध बनाने में लगा है. उनका प्रधानमंत्री मोदी से मिलना पिछले दिनों भारत और  नेपाल के बिच १८ सालो बाद वापस ट्रैन का शुरू करना. वही दूसरी तरफ भारत अपने पडोसी देश का धर्म सही तरीके से निभाया है और श्रीलंका को लगातार मदद पहोचा रहे है पिछले दिनों भारत ने अनाज के साथ साथ पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की कर्ज मदद. श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने के लिए की है और हाल ही में एक अरब डॉलर की कर्ज की सहायता की घोषणा भी की थी. ‘कर्ज मदद के तहत यह चौथी खेप है. साथ ही पिछले 50 दिनों में भारतीय कुओं से श्रीलंका के लोगों तक 2 लाख टन ईंधन की आपूर्ति भी की गई. भारत नेपाल की भी इस तरह की मदद लगातार करता रहता है पर अफ़सोस पाकिस्तान जो अपने बुरे दौर से गुजर रहा है जिसे चीन पहले से ही जाल में फसा चूका है उसकी मदद कौन करेगा ये वक़्त ही बताएगा आपका क्या कहना है हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताये.                                                                                                                                            

Thursday, March 17, 2022

क्या है ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ का विवाद ?

                       

 फ‍िल्‍म ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ क्यों है इतनी चर्चा में है, और सोशल मीडिया पर इससे जुड़े नए-नए विवाद रोज़ जन्‍म क्यों ले रहे है, हम बताते है इसकी की असल वजह क्या है. विवाद की शुरुआत कॉमेडियन कपिल शर्मा से हुई थी और अब सियासत में इसकी एंट्री हो गई है. फिल्‍म को दर्शकों का अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स मिल रहा है और भाजपा शासित राज्‍य मध्‍यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा और कर्नाटक में यह टैक्‍स फ्री भी कर दी गई है. इस फिल्‍म से जुड़े विवाद की शुरुआत तब हुई जब एक  फैन ने फिल्‍म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से पूछा कि वो फ‍िल्‍म को प्रमोट करने के लिए द‍ कपिल शर्मा शो (The Kapil Sharma Show) में क्‍यों नहीं गए. विवेक ने ट्वीटर पर पूछे गए  इस सवाल का जवाब दिया. फैन्‍स के सवाल पर डायरेक्टर ने दावा किया था कि कपिल ने उनकी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को प्रमोट करने से मना कर दिया है.इसके बाद सोशल मीड‍िया पर BoycottKapilSharma ट्रेंड शुरू हो गया था. मामला बढ़ने पर फैंस ने कपिल शर्मा की खिंचाई शुरू कर दी. इस पर कपिल शर्मा ने जवाब दिया. कपिल ने ट्वीटर पर लिखा, इन बातों में सच्‍चाई नहीं है. 


उसके बाद फिल्‍म के प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपनी एक तस्‍वीर सोशल मीडिया पर पोस्‍ट की. उन्‍होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का सौभाग्य मिला. सबसे खास बात यह रही कि उन्‍होंने ‘द कश्‍मीर फाइल्‍स’ की तारीफ की. शुक्रिया मोदी जी.” साथ ही  इस फ‍िल्‍म को राजनीति से अलग रखने की सलाह दी गई. इस बीच क्रिकेटर सुरेश रैना ने ट्वीट किया और लिखा, अगर यह फिल्‍म आपके दिल को छूती है तो न्‍याय के लिए अपनी आवाज उठाएं और कश्‍मीर में हुए नरसंहार के पीड़ि‍तोंं का दर्द कम करने में मदद कीजिए. सुरेश रैना के ट्वीट के बाद कुछ लोगों ने उनसे सवाल किए और पूछा कि क्या हम गुजरात में मुसलमानों के नरसंहार की भर्त्सना करेंगे? इसके बाद भी निरन्तर इस बाद विवाद चालू ह। सोशल मीडिया पर साफतौर पर इस फिल्‍म को भाजपा के कई दिग्‍गज नेताओं का मिल रहा है. इनमें मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह, राजस्‍थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी जैसे बड़े नाम शामिल हैं.  कश्‍मीर पंडितों के पलायन के मुद्दे पर केरल कांग्रेस ने कई बातें ट्वीट की हैं. जिसके जवाब में भाजपा सांसद के. जे.अल्‍फोंस ने ANI को दिए बयान में कहा है कि ‘हर कोई जानता है कि सांप्रदायिक आधार पर सत्ता पक्ष की शह पर डेढ़ लाख कश्मीरी पंडितों को भगाया गया. उस समय कांग्रेस या उसकी समर्थन वाली सरकार थी. केरल कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, “सामूहिक रूप से कश्‍मीरी पंडितों ने गवर्नर जगमोहन के निर्देश पर घाटी को छोड़ा था जो RSS के आदमी थे. बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार के तहत पलायन शुरू हुआ था. वही दूसरी तरफ बीजेपी की संसदीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी फिल्म की भरपूर तारीफ करते हुए बैठक में उपस्थित सांसदों और नेताओं को फिल्म देखने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘सत्य को देश के सामने लाना देश की भलाई के लिए ही है. पिछले कई दशकों से जो सच छुपाया जाता रहा है, उस सच को बाहर लाने की यह कोशिश है. जिन लोगों ने सच को छुपाया है, वही लोग इसका विरोध कर रहे हैंखैर इस विवाद पर आप लोगो का क्या कहना ह। कमेंट बॉक्स में लिख कर बताये.

धार्मिक स्थलों पर योगी का शिकंजा

  पिछले दिनों MNS के अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा ये ऐलान किया गया की मस्जिदों में लाउड स्पीकर्स को हटा लिया जाये नहीं तो MNS कार्यकर्त्ता मस्जि...