आम तौर पर किसी फिल्म के रिव्यु में फिल्म की स्टोरी की बात होती हैं डायरेक्शन की बात होती हैं उसका म्यूजिक कैसा हैं उसकी बात होती हैं। पर दिल बेचारा को देखने के बाद आपको ऐसी किसी भी चीज़ के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। क्योकि इस फिल्म में सुशांत का होना ही काफी हैं। फिल्म को देख कर नहीं लगता की ज़िन्दगी इस हद तक प्यार करने वाला इंसान सुशांत सिंह राजपूत हमारे बिच नहीं हैं। फिल्म को देखते समय आपके दिमाग में सुशांत के अलावा कुछ नहीं चलेगा, शायद वो अब हमारे बिच नहीं हैं इसलिए भी। सुशांत के सारे सीन आपके आखे नम करने को काफी हैं। जब आप इस फिल्म को देखेंगे तो फिल्म की तरह नहीं बल्कि अपने आप से जुड़ा पायेंगे। फिल्म कहानी शुरू होती हैं जमशेद पुर से जहा, किज़ी मतलब संजना सांघी रहती हैं। किज़ी को थाइरॉइड कैंसर हैं जो हमेशा अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर रहती है। किज़ी को अपने ऊपर तरस खाने के अलावा कोई चारा नहीं होता हैं और वो अपना मौत का इंतज़ार करती होती है। एक कैंसर सपोर्ट सेंटर में किज़ी की मुलाकात मैनी से होती हैं, मैनी मतलब आपके सुशांत सिंह राजपूत से , जो पहले से कैंसर पेशेन्ट थे और उसी वजह से उनकी एक टांग भी काट दी गयी हैं। पर वो अब रिकवर हो चुके और बहोत ही ज़िंदादिल और बहोत खुश हैं।
मैनी और किज़ी के बिच धीरे धीरे प्यार शुरू हो जाता हैं। किज़ी को एक गाना बहोत पसंद होता हैं जो ज़िन्दगी से बहोत प्यार करना सिखाता हैं और जो की अधूरा होता हैं और किज़ी को कैसे न कैसे करके तो पता करना होता की ये गीत अधूरा क्यों हैं ? पर मैनी मतलब सुशांत के पता किये जाने पर मालूम होता हैं उसका सिंगर पेरिश में रहता हैं। दोनों पेरिश जाते हैं और वो उस सिंगर से मुलाक़ात भी करते हैं। लेकिन वहा पर मैनी की तबियत ख़राब हो जाती हैं और मैनी का कैंसर लौट आता हैं और उसके पास वक़्त बहोत कम होता हैं। एक पल ये सुनकर मैनी इससे बहोत निराश भी होता हैं पर धीरे धीरे ज़िन्दगी जीने की उम्मीद फिर से आती हैं। यहाँ पर मेरी गारंटी हैं की आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे की दिल फाड़ देने वाले ये सीन कई मायनो सुशांत से कनेक्ट होते हैं। आम तौर में फिल्म के रिव्यु में हम फिल्म के सीन्स की बात नहीं करते हैं पर ये फिल्म के बहोत से सीन सुशांत के जिंदादिली को दर्शाते हैं।
मुकेश छाबड़ा द्वारा डायरेक्ट की गयी इस फिल्म को डिज्नी हॉटस्टार पर हर कोई देखेगा। एक सीन और हैं जहा पर सुशांत अपने एक दोस्त और किज़ी को एक चर्च में बुलाता हैं और चर्च के मंच पर चढ़ कर वो उसके मरने के बाद वो उसके बारे में क्या सोचेंगे वो आकर बोले। इस सीन में किज़ी मैनी के लिए तारीफ करती हैं तो खुद को रोने से नहीं रोक पाती हैं और शायद आप भी न रोक पाए। अपनी मौत से पहले दोस्तों को अपने बारे में बोलते हुए सुशांत का फेस शायद आपसे देखा नहीं जायेगा ये सीन आपको पूरी तरह बेहाल कर देगा। खैर आगे क्या होता हैं जानने के लिए आप जाकर मूवी ज़रूर देखे। सुशांत ने शायद असल ज़िन्दगी में भी अपने चाहने वालो को पहचाना होता और जान लेते की लोगो को उनसे कितनी उम्मीद थी और वो उनसे कितना प्यार करते थे। उनके जाने के इतने दिनों बाद भी उनके फैंस उनको भुला ही नहीं पा रहे हैं शायद वो सुशांत को भूलना ही नहीं चाहते हैं। आप क्या सोचते कमेंट बॉक्स में लिखे और इस फिल्म को जाकर ज़रूर देखे।